इन दिनों बकबक न्यूज़ चैनल्स की भरमार है , लेकिन उसके बाद भी प्रिंट मीडिया का जोर आज भी कायम है .शुरू में जब न्यूज़ चैनल्स खुल रहे थे , तो मीडिया पंडितो का कहना था की न्यूज़ चैनल्स के आने के बाद प्रिंट मीडिया खतरे में आ जाएगा , लेकिन उसके उलट प्रिंट मीडिया का लगातार विस्तार हो रहा है . आख़िर क्या कारण है की न्यूज़ चैनल्स के पास तमाम सुविधा होने के बाद भी . विस्वसनीयता के नाम पर प्रिंट मीडिया को नही पछाड़ सके . क्यो न्यूज़ चैनल्स को लोग आज मजाक के रूप में ले रहे है . आजकल में जब ट्रेन में सफर करता हु , न्यूज़ चैनल्स के बारे में लोगो की राय सुन कर हैरान हो जाता हु . आख़िर क्यो प्रिंट मीडिया के पत्रकार को इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकार से ज्यादा इज्ज़त मिलती है . क्या इसके लिए लिए इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का फूहड़पन जिमेदार है.
लतिकेश शर्मा
मुंबई
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