साल २००८ के लिए जब भारत सरकार द्वारा पद्म श्री अवार्ड्स की announcement हुए ,तो अवार्ड्स की लिस्ट में कई फ़िल्म सितारों के नाम थे । इस अवार्ड्स से अक्षय कुमार , ऐश्वर्या राय के अलावा सिंगर उदित नारायण सहित कई सितारों को सम्मानित किए जाने की घोषणा की गई । लेकिन यह समझ में नही की आया जो कलाकार वर्षो से बॉलीवुड में अपने अभिनय का लोहा मनवाते रहे ,उनका नाम इनमे शुमार नही है . खास कर मंजे हुआ कलाकार पंकज कपूर और फिल्मो और स्टेज के कलाकार मकरंद deshpandey का नाम इस में शामिल नही है . आख़िर हम अपने देश अपने इन कलाकारों का कब तक निरादर करते रहेंगे . क्या अक्षय कुमार और ऐश्वर्या राय . .......पंकज कपूर और मकरंद जैसे कलाकारों के सामने खड़े हो सकते है . क्या अभिनय के आधार वे इन कलाकारों का मुकाबला कर सकते है .कही ऐश्वर्या को अवार्ड दिया जाना कांग्रेस और समाजवादी पार्टी की दोस्ती का परिणाम तो नही है .यदि अभिनय की बात करे तो ऐश्वर्या के मुकाबले नंदिता दास बेहतर अदाकारा है ...लेकिन अभी तक उन्हें भी यह अवार्ड नही मिला है ।
इस पोस्ट लिखने में मैंने रिसर्च तो की है ,लेकिन इसके बाद भी यदि पाठको को , कोई गलती नज़र आती है . तो आप जरूर इसकी सुचना मुझे दे.
लतिकेश मुंबई
2 comments:
हिन्दुस्तानियों की ये विडम्बना है कि यहाँ जो दिखता है, वो बिकता है...अभिनय के क्षेत्र में मिलनेवाले पद्मश्री अवार्ड का पैमाना अब अभिनय कि काबिलियत पर निर्भर नही करता... अब पद्मश्री अवार्ड उन्ही को मिलता है, जो ज्यादा से ज्यादा खबरों में रहते है और जिनके चेहरे कि चमक से लोगो कि आंखें चौंधिया जाती है...
सागर जी ,
सही कहा आपने . यह बात सिर्फ़ अवार्ड्स देने के लिए लागु नही होती . बल्कि हर क्षेत्र में चमकते और चाटुकार चेहरों का ही बोलबाला है . तभी तो मुकेबाज़ विजेंद्र और कुश्ती लड़ने वाले सुशिल कुमार को पद्म श्री देने से सरकार ने कानी काट ली.
लतिकेश
मुंबई
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