एक पत्रकार है । उसका चेहरा ना, तो आज के पत्रकारों जैसा मादक है ,और ना ही सेक्सी ॥ [मादक और सेक्सी दोनों शब्द , मै इसलिए लिख रहा हु की ,आज कल पुरूष पत्रकारों में भी मादक और सेक्सी चेहरों की तलाश की जाती है ] और ना ही उस पत्रकार में दुसरे पत्रकारों जैसे सेलेब्रिटी status है. लेकिन उसके चेहरे में एक आग है . वो जब बोलता है ॥तो लगता है पत्रकार के वेश में आम जनता की आवाज़ है .
मै बात कर रहा हु ndtv इंडिया के पत्रकार रवीश कुमार की । इन दिनों ndtv इंडिया चैनल पर उनके द्वारा पेश किया जानेवाला "स्पेशल रिपोर्ट" नए पत्रकारों के लिए एक किताब की तरह है . इस रिपोर्ट को देख कर लगता है आज भी इंडिया में पत्रकारिता रवीश कुमार जैसे पत्रकारों से जिन्दा है . इस पोस्ट को पढनेवाले कुछ लोग मुझे रवीश कुमार का चमचा भी समझ सकते है ।यदि कोई ऐसा समझता है तो मुझे इस बात का भी गर्व होगा . बुधवार को रवीश कुमार द्वारा पेश किया गया "स्पेशल रिपोर्ट "कई मायनो में जानकारी देनेवाला था . आजकल जिस तरह लोगो की पसंद की बात कर न्यूज़ परोसे जा रहे है , वाकई में पत्रकारिता के लिए दुखदायी है .
कुछ लोग कह सकते है की ndtv india को trp नही मिलती है , इस लिए इस तरह के रिपोर्ट दिखा कर भड़ास निकाला जा रहा है . लेकिन मुझे लगता है इस तरह के रिपोर्ट देख कर आत्म- मंथन किया जाए तो हम सब के लिए बेहतर है .
कहते है की अकेला चना bhand नही फोड़ सकता है . लेकिन मै कहता हु . रविश कुमार की पहल बेकार नही जायेगी . देर सवेर लोग ख़बर का मतलब समझ जायेंगे ..और फिर एक नए युग का आगाज़ होगा . शायद उस युग को आने में काफी वक्त लगे ...लेकिन जब भी पत्रकारिता का इतिहास लिखा जाएगा ....रविश कुमार और कमाल खान जैसे पत्रकारों नाम हमेशा लिया जाएगा ।
मै ख़ुद एक पत्रकार हु , लेकिन मैंने यह पोस्ट एक दर्शक के रूप मै लिखा है ।
कुछ लोग कह सकते है की ndtv india को trp नही मिलती है , इस लिए इस तरह के रिपोर्ट दिखा कर भड़ास निकाला जा रहा है . लेकिन मुझे लगता है इस तरह के रिपोर्ट देख कर आत्म- मंथन किया जाए तो हम सब के लिए बेहतर है .
कहते है की अकेला चना bhand नही फोड़ सकता है . लेकिन मै कहता हु . रविश कुमार की पहल बेकार नही जायेगी . देर सवेर लोग ख़बर का मतलब समझ जायेंगे ..और फिर एक नए युग का आगाज़ होगा . शायद उस युग को आने में काफी वक्त लगे ...लेकिन जब भी पत्रकारिता का इतिहास लिखा जाएगा ....रविश कुमार और कमाल खान जैसे पत्रकारों नाम हमेशा लिया जाएगा ।
मै ख़ुद एक पत्रकार हु , लेकिन मैंने यह पोस्ट एक दर्शक के रूप मै लिखा है ।
लतिकेश
मुंबई
11 comments:
सहमत!
इंतजार रहेगा नए युग के आने का ..... चाहे समय जितना भी लम्बा हो ।
लतिकेश जी , न चाहते हुए भी मुझे कमेंट देना ही पड रहा है । आप जैसे कई भोले भाले दर्शक इस झांसे में आ गये । कल तक अपने को सबसे अलग उम्दा ,एलीट ,श्रेष्ठि मानने वाले आज अचानक दूसरों को आइना दिखाते क्यों घूमने लगे ? दूसरे की लकीर को मिटाकर अपनी लकीर बडी दिखाने से क्या होगा ? नई और बडी लकीर खींच कर दिखाइये दूसरी लकीर खुदबखुद छोटी हो जाएगी । लेकिन इतनी मशक्कत कौन करे? चुन लिया आसान रास्ता ...। टी आर पी बढी दर्शक जुटे ,मजमा लगा और आप जैसे सुधि दर्शक लगे जय जयकार करने ।
अजी हम तो इस मंदी के कारण ये चैनल नही देख पा रहे कई महीने को हो गए। केबल वाला लगाता नही। वैसे आपकी बात से सहमत हूँ।
बाकि सब तो शायद सही खा आपने बस एक चूक हो गयी.. जनाब वो खूब मादक भी हैं और सेक्सी भी.. हाँ जुबान से कटार भी खूब चलते हैं जो हुस्न भी न कर पाए और सेलिब्रिटी भी नहीं
पूरी तरह सहमत...इस बात से इंकार नहीं कि रविश एक अच्छे पत्रकार के साथ एक बेहतर इंसान भी हैं।
ashish maharishi
http://bolhalla.blogspot.com
sareetha अरगरे जी ,
लगता है की आपने मेरा पुरा पोस्ट नही पढ़ा है . मै सिर्फ़ एक दर्शक नही हु . एक पत्रकार भी हु . एक दर्शक के नाते भी इतना भोला नही हु ..की सारी चीजों पर यकीं कर लू . पोस्ट पर अपनी राय रखने के लिए धय्न्वाद .
लतिकेश
मुंबई
सुनील डोगरा जालिम जी,
आप के नाम भले ही जालिम शब्द शामिल हो . लेकिन आप के विचार काफी मादक है .
रवीश जी के बारे मुझे जितना पता है ..मैंने अपने पोस्ट में लिखा है .
बाकि वो मादक है या सेक्सी ..आप खुद फ़ैसला करे .
मेरे पोस्ट पर राय रखने के लिए धय्न्वाद .
लतिकेश
मुंबई
विवेक जी ,
आप ने एक शब्द में अपनी बात कह दी ...अच्छा लगा .
लतिकेश
मुंबई
आशीष जी.
पोस्ट पर राय रखने के लिए धय्न्वाद .
आप का ब्लॉग देखा ..अच्छा है .
लतिकेश
मुंबई
बहुत सुन्दर लिखा आपने, बधाई.
कभी मेरे ब्लॉग शब्द-शिखर पर भी आयें !!
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