Friday, March 6, 2009

मुशर्रफ को इंडिया में क्यो आने दिया


पाकिस्तान के मियाँ मुशर्रफ इंडिया आ रहे है..यार ,जिस आदमी ने हमारे देश के लिए इतनी मुश्किलें पैदा की हो उस नामाकुल शख्स को हम अपने देश बुला कर उसे अपनी बात कहने के लिए कोई मंच क्यों दे रहे है॥क्या मुंबई हमले के लिए मियाँ मुशर्रफ जिम्मेदार नहीं है...अपने तानाशाही कार्यकाल के दौरान मुशर्रफ ने जहा कारगिल युद्ध को अंजाम दिया ,वही उसने पाकिस्तान को आतंकवादियों के सबसे सुरक्षित जगह बनने देने में भी अपनी अहम भूमिका निभाई है .जिस शख्स ने अपने देश में प्रजातंत्र को अपने पैरो तले रौंदा हो उस आदमी को भारत जैसे प्रजातान्त्रिक देश में अपनी बात रखने के लिए कैसे मंच दिया जा सकता है..मुझे लगता है ..मुंबई पर हमले के लिए कसाब की टोली से मुशर्रफ ज्यादा जिमेदार है... मुझे लगता है की यदि इराक में अपने गलती के लिए सद्दाम हुसैन को फांसी दी जा सकती है तो मुशर्रफ को उसके गुनाह के लिए फांसी क्यों नहीं दी जा सकती..मुशर्रफ ने पहले तो पाकिस्तान का राष्ट्रपति बन कर पुरे मजे लुटे और जब उसका समय ख़राब आया तो अपनी आज़ादी की गारंटी लेकर अब बुढापे के मजे लूट रहे है...जिस शख्स के गिरेबान कई बेगुनाहों के कत्ल से सने हो अब वो भारत में मजे से मेज पर बिसलेरी का पानी पी कर पाकिस्तान का मत रखेंगे ..वही मैंने सुना है मुशर्रफ हमारे देश के एक शिक्षा संस्थान में अपनी राय रख्नेगे .मुझे लगता है की मुशर्रफ वहा के स्टूडेंट्स को अच्छी बाते तो नहीं सिखा सकते ..हां प्रजातंत्र का गला घोटने के अलावा फिदायीन हमले कैसे किये जा सकते है..उन पर वे अच्छा भाषण जरुर दे सकते है..मुझे लगता है की ,हमें इस तरह के शख्स को अपने देश में बुलाने से गुरेज करना चाहिए ।


लतिकेश


मुंबई







1 comment:

sarita argarey said...

आप जैसे दिलजलों के कारण ही तो अब तक ये देश अपनी बाज़ुओं से महरुम है । मुशर्रफ़ की जन्म स्थली है दिल्ली । आने दीजिये ना जाने कब मादरे वतन की पुकार मुशर्रफ़ का दिल पिघलने लगे और पाकिस्तान भारत का हो जाए । ऎसा ही कुछ अच्छा - अच्छा बाग्लादेशी घुसपैठियों के बारे में भी सोच देखिये । सारी समस्याएँ खुदबखुद छोटी,और छोटी होती नज़र आएँगी और आपका जीवन आसान हो जाएगा हमारे नेताओं की तरह । वएसे इस देश में ऎसे लोगों की कमी नहीं जो भारत की रहनुमाई लादेन ,मुल्ला उमर या मुशर्रफ़ के हाथों में देना चाहते हैं ।