एक फोटोग्राफ एक हज़ार शब्दों के बराबर होते हैं
(बुधवार /05 मई 2010 / इंदौर /मीडिया मंच )
एक फोटोग्राफ एक हज़ार शब्दों के बराबर होते हैं . . इंदौर में आयोजित भाषाई पत्रकारिता महोत्सव के दौरान ' नए दौर में फोटोग्राफी 'विषय पर आयोजित सेमिनार का निचोड़ यही था . इस सेमिनार में फोटोग्राफी जगत से जुड़े कई दिग्गजों ने भाग लिया .
इस सेमिनार में भाग लेते हुए जाने -माने फोटोग्राफर अशोक वानखड़े ने कहा की कुछ लोग भले ही फोटोग्राफी को उतना महत्व ना दे लेकिन समाचारपत्रों में फोटोग्राफी के महत्व को कभी भी नकारा नहीं जा सकता ..उन्होंने कहा की आज भी भोपाल गैस कांड के दौरान एक बच्ची के लिए गए फोटोग्राफ को कौन भूल सकता है . उस एक फोटोग्राफ को देख कर पूरी त्रासदी का अंदाज़ा लगाया जा सकता हैं . उन्होंने गुजरात दंगों के दौरान एक शख्स के खीचे गएँ फोटोग्राफ को भी अभूतपूर्व बताया . लेकिन उन्होंने इस बात पर चिंता जताई की आजकल के न्यूज़पपेर्स में फ़िल्मी सितारों के फोटोग्राफ ज्यादा छापे जाते हैं .
नामचीन फोटोग्राफर उमेश मेहता ने अपने संबोधन में कहा की फोटोग्राफी में कम्पोजीशन का काफी महत्व होता है . जिस तरह अगर ज़िन्दगी का कम्पोजीशन बिगड़ जाएँ तो पूरी ज़िन्दगी बिगड़ जाती है उसी तरह फोटोग्राफी में कम्पोजीशन बिगड़ जाएँ तो पूरा फोटोग्राफ ख़राब हो जाता है .
मुंबई से पधारे जाने- माने फोटोग्राफर अनिल भरतिया ने कहा की इस प्रोफेशन में आना हो वह पूरी डेडिकेशन के साथ आयें . उन्होंने कहा की इस प्रोफेशन में वही माहिर हो सकता है जिसका लक्ष्य सिर्फ एक अच्छा फोटोग्राफर बनना हो . उन्होंने कहा की एक फोटोग्राफर को हर वक़्त सजग रहना चाहिए . उसे कोशिश करनी चाहिए की उसका कैमरा हमेशा उसके साथ हो . उनका कहना कौन से समय में आप को बेहतरीन फोटोग्राफ मिल जाया यह कहना मुश्किल होता है . उन्होंने अपने अनुभव के बारें में बताते हुए किस तरह उन्होंने मुंबई में एक ब्यक्ति द्वारा दूसरे ब्यक्ति पर ताने गएँ रिवाल्वर के फोटोग्राफ को अपने कैमरे में कैद किया था . उन्होंने कहा की फोटोग्राफी के प्रोफेशन में डर की कोई जगह नहीं है .
सीनिअर फोटोग्राफर अविनाश पसरीचा ने भी अपने शानदार अनुभवों को लोगों के साथ शेयर किया . उन्होंने कहा की आज की फोटोग्राफी में कई नई तकनीक आ गयी है लेकिन जब उन्होंने फोटोग्राफी शुरू की थी तब सीमित साधन उपलब्ध थे . इस मौके पर उन्होंने प्रोजेक्टर के जरिये अपने फोटोग्राफ को लोगों के सामने पेश किये .जिसे सभी ने काफी पसन्द किया . वहीँ लोगों की गुज़ारिश पर उन्होंने जाने- माने गायक कुमार गंधर्व पर बनाई गई एक लघु फिल्म का भी प्रदर्शन किया .
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