Thursday, May 6, 2010

जगदलपुर पहुँचे शांति और न्याय के यात्री



जगदलपुर पहुँचे शांति और न्याय के यात्री

०६ मई २०१०

रायपुर में इकट्ठा हुये देश के लगभग पचास जाने-माने बुद्धिजीवियो ने कल नगर भवन में यह फैसला लिया था कि वे छत्तीसगढ़ में फैली अशांति और हिंसा के विरोध में रायपुर से दंतेवाड़ा तक की शांति-न्याय यात्रा करेंगे। इस यात्रा का उद्देश्य हर तरह के हिंसा की निंदा करते हुये सरकार और माओवादियों, दोनों ही से, राज्य में शांति और न्याय बनाये रखने की अपील करना है। कई तरह की अड़चनों और कुछ प्रायोजित लोगों के विरोध के बावज़ूद शांति-न्याय यात्रा आज बस्तर जिले के जगदलपुर इलाके तक सफलतापूर्वक पूरी कर ली गयी।

ज्ञात हो कि कल जब गुजरात विद्यापीठ के कुलाधिपति नारायण देसाई, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यलय के कुलाधिपति प्रो. यशपाल, वर्ल्ड फोरम ऑफ़ फिशर पीपुल्श के सलाहकार थामस कोचरी, बंधुआ मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष स्वामी अग्निवेश, गांधी शांति प्रतिष्ठान की अध्यक्षा राधा बहन भट्ट, सर्वसेवा संघ के पूर्वाध्यक्ष, लाडनू जैन विस्वविद्यालय के पूर्व कुलपति व पूर्व सांसद प्रो. रामजी सिंह व यात्रा के संयोजक प्रो. बनवारी लाल शर्मा जैसे वरिष्ठ लोगों की अगुवाई में होने वाली इस यात्रा के उद्देश्य, देश में शांति की अपनी राष्ट्रव्यापी आकांक्षा व विकास की वर्तमान अवधारण को बदलने की प्रस्ताव को रायपुर के शांतिप्रिय जनता के सामने व्यक्त किया जा रहा था तो कुछ उपद्रवी सभा स्थल में ऊल-जुलूल नारे लगाते पहुँचे और कार्यक्रम में व्यवधान डालना चाहा। प्रदर्शनकारी इन लब्धप्रतिष्ठित गांधीवादी, हिंसा-विरोधियों कार्यकर्त्ताओं को नक्सलियों का समर्थक बताते हुये छत्तीसगढ़ से वापस जाने को कह रहे थे। इसके बाद भी सभा विधिवत चलती रही।

हालाँकि, तमाम तरह की धमकियों की परवाह किये बगैर, शांति और न्याय के यात्रियों ने आज सुबह महात्मा गांधी की प्रतिमा के आगे नमन करने के बाद दंतेवाड़ा की ओर अपनी यात्रा को शुरू किया। दोपहर बाद यात्रा के पहले पड़ाव जगदलपुर में काफ़िला रुका, जहाँ भोजनोपरांत एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया था। शांति यात्री ज्यों ही पत्रकारों से मुख़ातिब हुये, जगदलपुर के कुछ नौजवानों ने इस शांति-यात्रा के विरोध में प्रदर्शन करने लगे। लेकिन, यात्रियों के द्वारा वार्ता के आह्वाहन पर जगदलपुर के प्रदशनकारियों से एक लंबी बातचीत हुयी। बहरहाल, जगदलपुर के नौजवानों ने आगे न जाने की हिदायत शांति यात्रियों को दी है, लेकिन अभी तक प्राप्त सूचना के अनुसार शांति का यह काफ़िला कल दंतेवाड़ा की ओर रवाना होगा।

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