हाल ही में जब ndtv के पत्रकार क़माल खान को उनके द्वारा पत्रकारिता के क्षेत्र में दिए गए अमूल्य योग्यदान के लिए गणेश शंकर विद्यार्थी सम्मान से नवाजा गया तो यह देख कर खुशी हुई के इस सम्मान से एक ऐसे पत्रकार को नवाजा गया ,जिससे सम्मान का सम्मान बढ़ा है वाकई क़माल खान पत्रकारों की भीड़ में एक ऐसे पत्रकार है ,,जिन्होंने अपनी एक अलग पहचान कायम की है . एक छोटी सी रिपोर्ट को भी सामाजिक अर्थों के साथ किस तरह से पेश किया जाता है ,यह आज के पत्रकार क़माल खान से सीख सकते है ,वही ptc देने में भी क़माल जी वाकई क़माल है ।उनकी हर ptc में एक सार होता है ,जो रिपोर्ट के दुसरे पहलू को भी दिखाता है । . ndtv में यु तो कई जानकार पत्रकार है, इसके बाद भी क़माल खान ने अपनी एक अलग पहचान बनाई है ॥एक ऐसी पहचान जिससे पत्रकारिता को पहचान मिल रही है . सम्मान मिलने के बाद जब मैंने उन्हें बधाई का sms भेजा तो उनका तुंरत जवाब आया ...उनके जवाब से लगा की जो शख्स ज्यादा जानता है ..वो उतना ही नम्र होता है . आज के पत्रकारों को मुफ्त में एक सलाह देता हु ..यदि आप अच्छे पत्रकार बनना चाहते है तो आप क़माल खान के रिपोर्ट कभी भी मिस ना करे ..यदि मिस भी करते है ,तो सीडी मंगा कर जरुर देख ले ॥फायदा होगा । अंत में, मै क़माल जी को शुभकामना देता हु , उम्मीद करता हु की आगे भी उनके तरफ से बेहतरीन रिपोर्ट देखने को मिलते रहेंगे .
लतिकेश
मुंबई
6 comments:
इस पुरस्कार में आप एनडीटीवी द्वारा सत्ताधारी दल का प्रचार औरुसकी चमचागिरी का कितना योगदान मानते हैं?
बेशक कमाल खान दिल से और सही पक्षधरता के साथ खबर पढ़ते हैं। उनकी आवाज में उनकी राजनीति झलकती है।
चमचा गिरी का लक्ष्य महान
पुरुस्कारो की ये है जान
पुरुस्कार से परे हटकर, कमाल खान का शब्द चयन, वाक्य विन्यास, स्पष्ट उच्चारण, शब्दाघात जैसी कुछ बातें उन्हें तनिक विशिष्ट बनाती हैं।
यदि पुरुस्कार के लिए उन्होंने चमचागिरी की है तो यह उनकी प्रस्तुतियों का श्याम पक्ष ही है।
सच उनकी रिपोर्ट बहुत ही अच्छी होती है। और उसमें घुली भाषा की मिठास।
lucknow valo se bhi pata kar le aur madhumita hatyakand ki yaad dila de sari sayari bhool jayenge.raja ka baja ban kar koi bhi puruskar le sakta hai.
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