Friday, February 20, 2009

मीडिया के मटककली से बच के रहना


एक पत्रकार होने के नाते खबरों में दिन रात गुज़र जाता है , लेकिन मीडिया जगत से आयी एक ख़बर ने मुझे हिला कर रख दिया .सुना की भोपाल में एक नामचीन पत्रकार पर एक लड़की ने बदतमीजी करने का आरोप लगाया है । इस आरोप के बाद बेचारे उस पत्रकार की नौकरी भी चली गई । फजीहत झेलनी पड़ रही है, सो अलग . लेकिन, एक पत्रकार होने के नाते मुझे एक पत्रकार के साथ हुए इस हादसे से दुःख हुआ .जिस पत्रकार पर आरोप लगा उन्हें में निजी रूप से नही जानता हु ,लेकिन दोस्तों से पता किया तो जाना की पीड़ित पत्रकार अविनाश जी का काफी नाम है , ,.और वे मोहला नाम से ब्लॉग लिखने को लेकर भी काफी लोकप्रिय है . लेकिन अब उसी मोहला में वे बदनाम हो गए है .इस हादसे के बाद अविनाश जी प्रतिक्रिया एक वेबसाइट पर पढ़ी ।जिसमे उनका कहना था की ,उन्हें एक साजिश के तहत फ़साया गया है । एक पत्रकार को अपनी साख बनाने मे वर्षो लग जाते है ,लेकिन एक आरोप उन्हें बदनाम कर जाता है. मेरे पोस्ट को पढ़नेवाले ये ना समझे की मै अविनाश का बचाव कर रहा हु ,लेकिन यह जरूर कहना चाहता हु की लड़की द्वारा लगाये आरोप की पूरी जांच के बाद ही फ़ैसला सुनाया जाता तो बेहतर होता . यार ,इन दिनों मीडिया मे कुछ लड़किया यहाँ नोट करे मै कुछ लड़किया लिख रहा हु ...मटककली बन कर चरती है .यदि हर काम इनके मुताबिक हो तो सब ठीक है , लेकिन जहा आप कुछ बोले तो आरोप लग जाते है . इस वाकये से हम पत्रकारों से सबक लेना होगा नही तो इस तरह के आरोप के शिकार हमलोग भी हो सकते है .वही ,यदि अविनाश जी दोषी है तो उन्हें सजा दो , लेकिन सफाई का मौका भी तो दो ।
लतिकेश
मुंबई

1 comment:

sarita argarey said...

तमाम तफ़्तीश के बाद पता चला है कि इस मामले में भी हालात कुछ ऎसे ही हैं । भई सबको आगे बढने की जल्दी है । अगले पक्ष को तो जमकर माइलेज भी मिल रहा है ।