Wednesday, February 25, 2009

राजनीतिक पार्टिया बन रही है, प्राइवेट लिमिटेड

जल्दी से अपनी पार्टी खोल लो नहीं तो तुम्हारे बेटे कहेंगे की पापा आप ने कुछ किया ही नहीं।

कांग्रेस -मतलब सोनिया गाँधी एंड कंपनी, समाजवादी पार्टी मतलब मुलायम सिंह एंड कंपनी ,राष्ट्रीय जनता दल -- लालू यादव एंड कंपनी ,राष्ट्रीय जनतान्त्रिक पार्टी - रामविलास पासवान एंड कंपनी शिवसेना - बाला साहेब एंड कंपनी, तृणमूल कांग्रेस- ममता बनर्जी एंड कंपनी और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना - राज ठाकरे एंड कंपनी । जी हा , आनेवाले वर्षो में इन पार्टिया के नाम इसी तरह के होंगे ...देश की लगभग सारी पार्टिया लिमिटेड कंपनी बन जायेगी और आपका बेटा फिर बड़ा होकर आप से यह कहेगा की जिंदगी भर जो मेहनत करते रहे उससे बेहतर था की कोई पार्टी खोल लेते ॥अब तो उसका फायदा होता ..जी हां, जिस तरह से भारत के प्रजातंत्र की तस्वीर बदल रही है, उससे लगता है की आनेवाले दिनों मे एक एक सीट के लिए और भी मारामारी होनेवाली है ..ऐसे मे भैया ५४३ मे से एक सीट पर भी कब्ज़ा कर लेते हो तो वारे न्यारे है ..यह बात तो सिर्फ लोकसभा की है..बाकि मलाई तो विधान सभा से लेकर मुखिया तक के चुनाव जीतने मे भी है । भैया, जो लोग आईएस से लेकर आईआईएम के परीक्षा पास करने मेपूरी जवानी जाया करते हो उसकी क्या जरुरत है ..तुम जितनी भी कोशिश कर लो राजनीति कर जो मजे लालू अपने बच्चे को दिला रहे है ..वो मजे तुम्हारे बच्चे नहीं लूट पाएंगे ...अब कहोगे की राजनीति मे काफी जोखिम है ,जोखिम तो हर चीज़ मे है ..तुम आईएस की परीक्षा देते हो इस बात की क्या गारंटी है की आप आईएस बन ही जायेंगे, लेकिन राजनीति मे पैर जमा लिए तो फिर क्या कहने है ...मलाई खाते रहो ...और अपने आनेवाले जेनरेशन के लिए भी इतना जमाकर के जाओ की उन्हें भी धूप मे पसीना न बहाना पड़े ..अब आप बोलेंगे की भाई इस लिस्ट मे बीजेपी और लेफ्ट पार्टी के नाम को नहीं है ..तो मुझे लगता है की ये पार्टी अभी तक वंशवाद से अछूती रही है ऐसे मे लगता है , की इन पार्टियों का भविष्य दुसरे पार्टियों से कुछ अलग है ..लेकिन आगे क्या होगा खुदा ही मालिक है ..तो भाई अभी से कोई पार्टी का नाम सोच लो और शुरू कर दो नहीं तो फिर यह मत कहना की बताया नहीं था . जब यह पोस्ट लिख रहा था तब लाखो का माल डकार जाने के आरोप में गिरफ्तार पूर्व कांग्रेसी नेता सुखराम को बेल मिलने की खबर चल रही थी ...भैया सोच लो ,यदि हम और आप यह कारनामा करते तो क्या हमें इतनी जल्दी बेल मिल जाता ।

लतिकेश

मुंबई

7 comments:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

तीव्र चाल से चल रही, राजनीति की रेल।
तस्कर,अभिनेताओं का,खूब हो रहा मेल।।

राम खेलावन said...

aapane banay ya nahi

मुंहफट said...

लतिकेश जी, सराहनीय. सटीक. सार्थक.
...साधुवाद.

sarita argarey said...

गाल्बजाने से क्या होगा । बना देखिए एक प्राइवेट लिमिटेड क्म्पनी ।

विष्णु बैरागी said...

बडा ही सामयिक धांसू आइडिया है। आप आजमा लें तो अपने अनुभ लिखिएगा। लाभदायक हुआ तो हम भी ट्राई करने पर विचार करेंगे।

अक्षत विचार said...

अति सुन्दरता...

चंद्रमौलेश्वर प्रसाद said...

भारत में हेरिडिटरी सिस्टम तो डीप-रूटेड है ही:)