Thursday, March 12, 2009

१०० रुपैए में बिकते लोग


क्या कोई इंसान की कीमत लगा सकता है ...आप का जवाब हां या नहीं मे हो सकता है ..लेकिन , हमारे देश में हर चीज़ बिकाऊ है ..और शायद यही वजह है की हमारे नेता हमारे ही पैसे से हमें खरीदते है ...दरअसल जब समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव के लोगो द्वारा उनके गृह प्रदेश में गरीब लोगो को १०० रुपैए बाटते हुआ देखा ॥तो लगा की हमारे देश में एक वोट की कीमत अब १० रुपैए से बढ़ कर १०० रुपैए हो गयी है । ॥हमारे देश में कितना विकास हुआ है इसका अंदाजा यह देख कर जरूर लगाया जा सकता है ..१०० रुपैए पा कर जो खुशी लोगो के चेहरे पर देखने को मिल रही थी , ॥उसे देख कर मुझे लगा की शहर में रहनेवाले लोग जिस १०० रूपैये को एक पैग पीने में खर्च कर देते है ,उस १०० रुपैये की गाँव में रहनेवाले लोगो के लिए कितनी अहमियत होती है ।अब सवाल यह यह है की ...पैसा बाटने के लिए दोषी कौन है ...मुलायम सिंह या हमारी गरीबी ...यार ,गाँव में रहनेवाले लोगो के लिए १०० रुपैये की काफी अहमियत होती है ...लेकिन क्या हमने सोचा है ..यदि हम अपने लोगो को समृध बना पाते तो वे अपने वोट १०० रुपैये में नहीं बेचते .बेहतर होता की चुनाव आयोग मुलायम पर करवाई करने से बेहतर लोगो को उनके वोट का अहमियत समझाने के लिए कोई मुहीम छेड़ते .हमारे देश के लोग बेबस है ...लाचार है ...गरीब है ....उन्हें ,क्या पता की उनके वोट की कीमत क्या ..है ..वे सिर्फ इतना जानते है की अगर १०० रुपैये मिल जाते है ..तो कम से कम दो दिन चूल्हा जलाने का इंतजाम आसानी से हो जाता है .भले ही उनकी वोट की बदौलत , मुलायम सिंह अपने घर ५ साल तक चूल्हा जलाने का इंतजाम कर ले ..


लतिकेश ,मुंबई

4 comments:

आशीष कुमार 'अंशु' said...

जानकारी के लिए आभार... देश भर में एक से बढ़कर एक मुलायम हैं... पंचायत चुनाव से लेकर लोक सभा चुनाव तक..

संगीता पुरी said...

पैसे का मूल्‍य के साथ ही साथ गरीबों की समस्‍या दस गुना बढ गयी है ... जाहिर है वोट बिकेंगे ही।

विवेक रस्तोगी said...

अरे भैया बिहार में तो जान की कीमत ३५ रुपया है जबकि तमंचे की गोली भी ५० रुपये से ज्यादा की आती है ।

समयचक्र said...

जानकारी के लिए आभार