
लोकसभा चुनाव की तारीखों के एलान के साथ ही हमारे देश में चुनाव की सरगर्मी तेज हो गयी है, लेकिन यह गर्मी इतनी बढ़ जायेगी यह सोचा नहीं था ।पीलीभीत में बीजेपी नेता वरुण गाँधी द्वारा दिए गए भाषण को सुना तो लगा की वाकई इस बार के चुनाव में गर्मी ज्यादा होनेवाली है ॥वरुण गाँधी ने जिस अंदाज़ में खास समुदाय के लोगो पर निशाना साधा ,देख कर लगा की वरुण गाँधी के जिगर में बड़ी आग है ..आखिर आग क्यों ना हो लड़का जवान है ...बड़े घराने का है ..लेकिन जिस तरह से वरुण गाँधी ने बयान दिए .लगा की कही जोश में बीजेपी का यह बिगडैल बच्चा बीजेपी की लुटिया न डुबो दे अब बयान देखने के बाद बीजेपी के नेताओ को जवाब देते नहीं बन रहा है .सवाल पूछो तो बीजेपी के नेता बंगले झाकने लगते है ..वही जो जवाब आता है वो समझ के बाहर है यार अब बीजेपी के नेता करे तो क्या करे .....बच्चे ने जोश में होश खो दिया ..यार , अनुभवहीन युवाओ को नेता बनावोगे तो इसी तरह का खामियाजा भुगतना पड़ेगा.वरुण ने जोश में राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी को भी नहीं बख्शा ..कह दिया की एक गाल पर झापड़ खाने के बाद दूसरा गाल बढ़ानेवाला कोई बेवकूफ हो सकता है ..लेकिन यार फिर गाँधी जी से इतनी नफरत है ..तो फिर गाँधी जी .के नाम का उपयोग कर क्यों सालो से रोटी क्यो तोड़ रहे हो ..गाँधी जी से इतनी ही नफरत है तो सबसे पहले अपना नाम बदल लो ..वरुण जी ..मोदी की नक़ल कर कोई मोदी नहीं बन जाता ...नरेन्द्र मोदी को पता है की कब क्या बोलना है ..और कितना बोलना है...इसलिए जोश में होश मत खोवो ..अभी राजनीती में आपको लम्बा सफ़र तय करना है ..आडवानी जी . आप के प्रधानमंत्री बनाने के ऐसे ही चांस कम है वही यदि इस तरह से आप के नेता बयान देते रहे तो जो सपना आप ने सालो से पाल रखा है वो सपना ही रह जायेगा .
लेकिन ,यार इस सारे वाकये में एक बात अचरज वाली है ..वरुण की माता , मेनका गाँधी जी को जानवरों तक से बहुत ज्यादा प्यार है ,फिर वरुण आदमी के गला को काटने की बात क्यो कर रहे है .लतिकेश
मुंबई
1 comment:
सही कहा आपने मेनका गाँधी जानवारो पर अत्याचार बर्दाशत नहीं कर सकती वही वरुण भाषण की हर पंक्ति में मरने मारने की बात करते नज़र आ रहे थे... शायद इसे ही कहते है बिगडैल शहजादे...
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