
मेरा यह पोस्ट उन तमाम तेज विधार्थियों को समर्पित है जो आइएएस में नाकाम होने के बाद अपने भाग्य को कोस् रहे है ॥यार, आइएएस में नहीं सफल हुआ ,तो क्या जीना छोड़ दोगे ।मोटी मोटी किताबे पढ़ कर जो ज्ञान हासिल किये हो ,उसका उपयोग करना चाहते हो तो पत्रकार बन जाओ . आइएएस ऑफिसर जैसा मजा न हो ,लेकिन यदि मीडिया में आपका मंत्र काम कर गया तो अपनी सारी कसर पूरी कर सकते हो ..यार, मीडिया में पढ़े लिखे और बेहतर सोच के लोगो की हमेशा से कमी रही है ...वही आइएएस की परीक्षा देने के दौरान जो ज्ञान हासिल किया है उसका आप मीडिया में बेहतर उपयोग कर सकते हो ..आप की जानकारी अच्छी होगी ..तो आप नेता से लेकर जानकर से भी बेहतर सवाल कर सकते है ...नहीं तो कुछ रिपोर्टर्स, जो बिना मुकमल जानकारी के इस फिल्ड में आते है , कभी कभी ऐसे सवाल करते है की ,चैनल की क्रेडिबिलिटी भी दाव पर लग जाती है .तो भैया ,अभी भी देर नहीं हुई है ...जितना पैसा ईमानदार आइएएस ऑफिसर बन कर नहीं कमा सकते थे ..उससे ज्यादा मीडिया में कमा सकते हो ..वही रसूख भी कम नहीं है ...प्रधानमंत्री से लेकर बड़े पुलिस ऑफिसर से जवाब तलब कर सकते हो ..और क्या चाहिए ....
लतिकेश
मुंबई
5 comments:
सही है। और भी बहुत कुछ कर सकते हैं।
घुघूती बासूती
sahi kaha aapane ... duniya aage bhi hai ... maine bhi interview diya hai aur ek chaance baaki bhi hai par niraash nahi hoon.... knowledge to kahi n kahi kaam aayega hi...aur phir wah to ham hi nirnay karege ki kya karana hai koi dusara nirnay kaise kar sakata hai...
आपकी बात में दम है
पर मुझे शक है कि ऐसे सभी प्रतिभावानों को इतनी तनख्वाह और ऐशोआराम मिल पाएंगे
कम से कम हिंदी मीडिया में तो नहीं
आपकी बात कैसे मान ली जाए? आजकल तो पत्रकार भी कलेक्टर के ही चक्कर लगाते मिल रहे हैं।
भई पत्रकार बनना भी आसान है क्या? इसके गुर कहां से सीखे ?
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