मंगलवार की सुबह जब मै अपने ऑफिस में पंहुचा तो एक पत्रकार होने के नाते दुसरे पत्रकारों की तरह मुझे भी कुछ बड़ी खबर की तलाश थी ।एक बड़ी खबर आई लेकिन उस खबर को सुन कर मुझे ख़ुशी , नहीं बल्कि काफी दुःख हुआ .....वो खबर स्टार न्यूज़ के पुणे के रिपोर्टर वेंकटेश चपलगावकर की मौत की थी ..मेरी कभी भी वेंकटेश से मुलाकात नहीं हुई ..लेकिन जब भी मैंने उनकी रिपोर्ट टीवी पर देखी , मुझे हमेशा से उनकी रिपोर्ट्स की तरह वे भी एक अच्छे इंसान का एहसास दिलाते रहे ..उनकी आवाज़ की सादगी बताती थी की swabhav से भी वे एक अच्छे इंसान होंगे ..और इस बात को पुणे के अलावा मेरे मुंबई के दोस्तों ने भी कहा जब वेंकटेश के निधन की खबर सब को मालूम हुई ..मुझे इस बात का भी पता चला ..की वेंकटेश आमतौर से अपनी ही गाड़ी से आया जाया करते थे लेकिन मंगलावर को NCP प्रेसीडेंट शरद पवार द्वारा पर्चा दाखिल करने की खबर को कवर करने के वे सोलापुर जा रहे थे तो उन्होंने गाड़ी हायर किया था ..देखिये मौत आनी होती है ..तो वो किस तरह बहाना खोज लेती है. हम पत्रकारों की भी ये कैसी विडम्बना है की हम जहा जीते जी अपने चैनल के लिए HEADLINES बनाते है ..मरने के बाद भी चैनल के लिए HEADLINES बन कर कुछ ही समय के लिए चैनल को अपना हक अदा कर जाते है ..लेकिन मुझे नहीं पता है की जब मेरी मौत होगी तो उसे कही जगह मिल पायेगी या नहीं ...खैर ,यहाँ मै अपना खुद का रोना रोने लगा ..मै अपने तहे दिल से वेंकटेश को अपनी श्रधांजलि देता हुई .ईश्वर उनकी आत्मा को शन्ति प्रदान करे .
अंत में कहना चाहता हु
मौत से किसकी रिश्तेदारी है ,
आज उनकी ..तो कल हमारी बारी है ।
इसलिए ज्यादा नशे में रहना ठीक नही ..है
लतिकेश
मुंबई .
3 comments:
कल रात ही ख़बर देखी थी लेकिन अधूरी, मौत की वजह पता नहीं चल सकी थी। उनके परिवारवाले के लिए दुआ।
भगवान उनकी आत्मा को शांति दे और घरवालों को इस असहनीय दुख को सहने की ताकत दे
Hardik Shradhanjali...
VED
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