Thursday, April 2, 2009

बटन खुलवाने पर बवाल क्यों





बटन खुलवाने पर बवाल क्यों
bollywood के खिलाडी कुमार यानि अक्षय कुमार परदे के ऊपर और निजी जिंदगी में कई तरह के खेल खलेते रहते है ॥लेकिन लक्मे फैशन वीक के दौरान जो खेल खिलाडी कुमार ने परदे पर खेला वो खेल अब लोगो को खल रहा है ..जी हा अक्षय कुमार ने रैंप पर चलने के दौरान अपनी पत्नी ट्विंकल खन्ना से अपने जींस पैंट के बटन खुलवाए थे ..अब अक्षय का यही बिंदास अंदाज उनके लिए परेशानी का सबब बन गया है ..मुंबई में रहनेवाले एक शख्स को अक्षय की यह बात इतनी नागवार गुजरी की उन्होंने मुंबई पुलिस में अक्षय और उनकी पत्नी ट्विंकल के खिलाफ शिकायत दर्ज करा दी है । लेकिन ,मै पूछता हु की अक्षय कुमार द्वारा अपनी पत्नी से बटन खुलवाने पर इतना बवाल क्यों है भाई ...अक्षय ने अपनी पत्नी से पैंट की बटन खुलवाई है .उड़ीसा में किसी का घर तो नहीं जलाया ..मंदिर के नाम पर देश को तो नहीं बाटा है ..यानि आप करे तो सब ठीक है ..लेकिन कोई और करे तो हंगामा .यदि अक्षय की यह हरकत हमारे देश के लोगो को ठीक नहीं लगी है तो वे अक्षय की फिल्म नही देखेंगे ..आप को लगता है की ऐसा होगा ., कुछ नहीं होगा ..लोग अक्षय से उतना ही प्यार करते है ..जितना पहले करते थे ..बेकार में बवाल मत खडा करो . एन्जॉय the मोवमेंट ..एन्जॉय the लाइफ और मौका लगे तो अपने पैंट के भी बटन खुलवाने के लिए ...........रहो मेरे बाकी पोस्ट पढ़ कर यह मत कहना की ..अपने पोस्ट में तो बड़ी बड़ी बाते किया करतो हो ..लेकिन इस मामले पर तो बिंदास लिख रहे हो ... यार हर लम्हे ..को आदर्श के चश्मे से मत देखो ..बात समझ में आ जायेगी .


लतिकेश


मुंबई

9 comments:

yashwant said...

खबरें प्रकाशित करने से रोकने का आदेश देने से कोर्ट का इनकार

एचटी मीडिया बनाम भड़ास4मीडिया : सुनवाई की अगली तारीख 24 जुलाई

शैलबाला-प्रमोद जोशी प्रकरण से संबंधित खबरें भारत के नंबर वन मीडिया न्यूज पोर्टल भड़ास4मीडिया पर पब्लिश किए जाने के खिलाफ एचटी मीडिया और प्रमोद जोशी द्वारा दिल्ली हाईकोर्ट में दायर केस की पहली सुनवाई आज हुई। वादी एचटी मीडिया और प्रमोद जोशी की तरफ से दायर केस में भड़ास4मीडिया के एडिटर यशवंत सिंह और तीन अन्य को प्रतिवादी बनाया गया है। हाईकोर्ट में दर्ज इस केस संख्या सीएस (ओएस) 332/2009 की सुनवाई हाईकोर्ट के कोर्ट नंबर 24 में विद्वान न्यायाधीश अनिल कुमार ने की।

इस दौरान एचटी मीडिया और प्रमोद जोशी की तरफ से हाजिर हुए वकील ने केस निपटारे तक भड़ास4मीडिया पर एचटी मीडिया और इससे जुड़े लोगों से संबंधित खबरें प्रकाशित न करने देने का आदेश पारित करने का अनुरोध कोर्ट से किया। इस बाबत एचटी मीडिया और अन्य की तरफ से कोर्ट में अर्जी भी दी गई थी। कोर्ट ने इस अनुरोध को ठुकरा दिया। प्रतिवादियों की तरफ से दिल्ली हाईकोर्ट के वरिष्ठ वकील निलॉय दासगुप्ता ने कोर्ट को जानकारी दी कि कुछ प्रतिवादियों ने नोटिस 29 मार्च को रिसीव किया है और एक प्रतिवादी के पास अभी तक नोटिस सर्व नहीं हुआ है। इस पर कोर्ट ने वादी एचटी मीडिया और प्रमोद जोशी के वकील को सभी प्रतिवादियों को नोटिस समेत सभी जरूरी दस्तावेज मुहैया कराने के आदेश दिए। प्रतिवादियों को अगले चार हफ्तों में जवाब दाखिल करने को कहा गया है। मामले की अगली सुनवाई की तारीख 24 जुलाई तय की गई है। प्रतिवादियों के वकील निलॉय दासगुप्ता ने बाद में बताया कि एचटी मीडिया और प्रमोद जोशी की तरफ से जो केस दायर किया गया है, उससे संबंधित जो नोटिस प्रतिवादियों के पास भेजा गया है, उसमें कई चीजें मिसिंग हैं। उदाहरण के तौर पर नोटिस के पेज नंबर 117 पर जिस कांपैक्ट डिस्क के होने का उल्लेख किया गया है, वो नदारद है। साथ ही सभी प्रतिवादियों को अभी तक नोटिस सर्व नहीं हुआ है। ऐसे में कोर्ट ने वादियों के वकील को सभी दस्तावेज व कागजात प्रतिवादियों को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। वेबसाइट पर वादियों से संबंधित कंटेंट पब्लिश न करने को लेकर जो अनुरोध कोर्ट से किया गया, उसे नामंजूर कर दिया गया।

नीरज गोस्वामी said...

आप की बात में दम है...
नीरज

जयंत - समर शेष said...

".उड़ीसा में किसी का घर तो नहीं जलाया ..मंदिर के नाम पर देश को तो नहीं बाटा है .."

That is totally not relevant here.
There is no connection between those things and this act.
BTW, for your kind information, "mandir ke naam par desh ko bata nahin gayaa"... desh to kahale hi bat chukaa thaa. What was not there to devide the nation, start with partition, then appeasement, then quota system and then caste based politics.. All of these are gifts of so called secular parties..
Open your eyes and see what had happened to Kashmiri Hindus and countless Hindus in past.. anyways, there is still no logic in your statements like that.

I sincerely beg to differ.
Be very careful before you start saying something like that.
The way that act was performed was really disgusting.. To say the least, or maybe you are used to that kind of life style.

~Jayant

हिटलर said...

लगता है कि तू "गुलाबी चड्डी" भेजने वाली का भाई है…। जिसने भी ये कोर्ट केस लगाया है बिलकुल सही किया है, यदि मुतालिक वाला तरीका पसन्द नहीं है तो कानून का तरीका ही सही, लेकिन सरेआम नंगई दिखाने वालों को घसीटना ही चाहिये…

Shahid Ajnabi said...

dear, there is know connection between this article and the case relevent to Akshay..
so ..mana ki blog hai ajadi hai kuchh to soch ke likho.

latikesh said...

sahid जी
मेरे लिखने का मतलब आप समझ नहीं पाए ..मेरा सिर्फ इतना कहना है ..की जो लोग सस्ती पब्लिसिटी पाने के लिए पुलिस में शिकायत दर्ज करवाते है .उन्हें पहले दुसरे मुद्दों पर अपनी आवाज़ बुलंद करनी चहिये ..इस तरह की बातो पर बवाल नहीं करना chaihye . जो बाते हवा के साथ आती है और चली जाती है ..आज रिचर्ड गैर ने जो शिल्पा शेट्टी के साथ किया उसे कौन याद रखा है ..वही नए साल के जश्न पर मल्लिका शेरावत के डांस किसे जेहन में है , मै एक पत्रकार हु और मुझे पता है की ब्लॉग पर क्या लिखा जाना chaihye
लतिकेश
मुंबई

latikesh said...

sorry jaldabaji me mai ne aapka naam saahid ki jagah sahid likh diya
latikesh

latikesh said...

भैया हिटलर जी
आप के नाम से ही पता चलता है ..की आप का रवैया तानाशाह का होगा ..जहा तक मेरा सवाल है में तो पिंक चड्डीi ब्हेजनेवाले का भाई नहीं हु ..लेकिन आप हिटलर के छोटे भाई जरुर लगते है ..
लतिकेश
मुंबई

latikesh said...

jaynat ji
the things are changing ...we should also change according to the world ..what you think , such type of act happened in us or other western countries ...who will raise the finger ..
i think it was an act to enjoy
latikesh