

यार , हम पत्रकारों की रिपोर्ट्स तो टी वी न्यूज़ चैनल पर देख लेते है ,लेकिन इस बात को लेकर हमेशा से जिज्ञाषा बनी रहती है की जो पत्रकार दुसरे की जिंदगी से जुड़े रोचक पहलु को निकालनेमें कोई कोर कसर नही छोड़ते वे निजी जिंदगी में कैसे है । किस तरह उनका बचपन बीता । किस तरह से उन्होंने जिंदगी के संघर्ष का सामना किया । मै भी कथित रूप से एक पत्रकार हु लेकिन अब तक उन्ही पत्रकार के बारे में जान पाया हूँ जिनके साथ काम करने का मौका मिला ..लेकिन बीबीसी हिन्दी के संजीव जी द्वारा लिए जा रहे नामचीन पत्रकारों के interview वाकई में काम कर रहे पत्रकारों के अलावा नए पत्रकारों के लिए एक किताब की तरह है। मै इस कड़ी में लिए जा रहे सारे पत्रकार के interview को सुन रहा हु। काफी कुछ जानने को मिल रहा है . ।इन interviwe के कारण पता चला की आख़िर ndtv के विनोद दुआ की जिन्दादिली के राज क्या है। किस तरह से राजदीप सरदेसाई ने सचाई से स्वीकार किया की उनके वक्त मीडिया में कम लोग थे और एक वजह यह भी है की उन्हें ज्यादा संघर्ष नही करना पड़ा ॥ रजत शर्मा के interview से पता चला की उनकी चिर परचित मुस्कान के पीछे कितना दर्द छुपा है ।वही प्रभु चावला की एक बात काफी पसंद आयी की एक पत्रकार को हर दिन नए सोर्स बनाने चाहिए । तो दोस्तों , देर किस बात की है बीबीसी के हिन्दी वेबसाइट पर जाए और नामचीन पत्रकारों के बारे में वे सब जाने जिनसे आप अभी तक वाकिफ नही है ।संजीव जी से एक गुजारिश है की इस सीरीज़ में वे उन पत्रकारों को भी शामिल करे जो अभी तक राजदीप सरदेसाई और प्रभु चावला की तरह ऊँचा मुकाम तो हासिल नही कर पाए है ..लेकिन उनके बारे में जानना सब चाहते है ।संजीव को कुछ नाम में सूझा रहा हु जो इस तरह से है ।
न्द्त्व के रविश कुमार , अभिज्ञान प्रकाश और कमाल खान
ibn 7 के संजीव पालीवाल और
आज तक के अजय कुमार
आप इस लिंक से सीधे http://www.bbc.co.uk/hindi/ जाकर भी इन रोचक interviews को 'बीबीसी एक मुलाकात 'में पढ़ या फिर सुन सकते है .लतिकेश शर्मा ,मुंबई
1 comment:
लिंक तो दे देते सर जी।
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