भैया , अपनी बात कहने की सब को आजादी है ..लेकिन क्या इस आजादी का मतलब ये तो नहीं है, की आप अपनी हदों को पार कर जाये ..जो शख्स खुद अपनी पहचान नहीं बता सकता वो दुसरे के काम की समीक्षा कैसे कर सकता है और उसकी इस बेतुकी समीक्षा को कोई कैसे गंभीरता से ले सकता है ..हां ,अपनी निजी खीज और भड़ास को निकालना चाहते है तो अच्छा है ..लेकिन भैया दुसरे के काम की समीक्षा करने के पहले अपना आत्म विश्लेषण जरुर कर लेना चाहिए . समीक्षा हमेशा से सकारात्मक होनी चाहिए . कवरेज को लेकर कुछ कमिया रही होंगी लेकिन इस तरह जल भून कर समीक्षा लिखना आप के निजी द्वेष और टिश को दर्शाता है .हा एक बात तो है ..की आप के पोस्ट पर उस शख्स ने अपनी प्रतिक्रिया दे दी , जिससे आप को उम्मीद थी ..यदि इस पोस्ट को लिख कर आप यही हासिल करना चाहते थे तो अच्छा है लेकिन दुसरे लोग सच्चाई को समझते है .उम्मीद करता हु की अगली बार आप अपनी पहचान के साथ सामने आयेंगे और कोई सकारात्मक पोस्ट लिखंगे .ईश्वर आप को सदबुद्धि दे । विवादास्पद पोस्ट को पढने के लिए यहाँ क्लिक करें
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