Monday, September 21, 2009

TRP के टेंशन के साथ कंटेंट को बेहतर बनाना चुनौती भरा काम होगा


हाल ही में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के न्यूज़ चैनल के संपादको द्वारा बनायीं गयी संस्था ब्रोडकास्ट एडिटर्स असोसिएशन यानि BEA के सदस्यो ने सूचना और प्रसारण मंत्री श्रीमती अंबिका सोनी से मुलाकात कर न्यूज़ चैनल के कंटेंट को लेकर विचार विमर्श किया .... न्यूज़ चैनल के संपादको द्वारा की गयी यह पहल सराहनीय लगी ..लेकिन इस रास्ते में अब भी सबसे बड़ी चुनौती television रेटिंग पॉइंट्स यानि TRP की है तमाम न्यूज़ चैनल से जुड़े शायद ही कोई ऐसे संपादक महोदय होंगे जिन्हें TRP का टेंशन नहीं होगा .वही इस मंच पर भले ही सारे संपादक महोदय ने बैठ कर कंटेंट के बारे में बाते की होंगी ,लेकिन वापस दफ्तर लौटने के बाद उन्हें एक बार फिर से अपने ही चैनल के कायाकल्प के बारे में ही सोचना होगा ..हमारे संपादक महोदय यह बात अच्छी तरह से जानते है की उनके प्रोमोटर को चैनल की TRP और आमदनी से ज्यादा सरोकार है . कंटेंट की बात दुसरे पायदान पर आती है .ऐसे में हमारे एडिटर्स के लिए TRP के टेंशन के साथ साथ कंटेंट को बेहतर बनाना किसी चुनौती से कम नहीं है ..मै इस काम के लिए सारे न्यूज़ चैनल के एडिटर्स को सिर्फ बेस्ट ऑफ़ लक के साथ अपनी शुभकामना दे सकता हु .

लतिकेश

मुंबई

1 comment:

सागर मंथन... said...

सर इसी को तो कहते है TRP का टशन... ये बात तो सच है कि कंटेंट को सुधारने के चक्कर में इन एडिटरस को अपनी नौकरी तक के लाले पड़ सकते है..अब देखे क्या होता है...??