Tuesday, September 7, 2010


म्यूजिक रिव्यू
'रोबोट ' का संगीत एलियंस के लिए है
(मंगलवार /07 सितम्बर 2010 / हृदेश सिंह /मैनपुरी )
इब्तदा यहीं से करते है....कि फिल्म 'रोबोट ' का संगीत इंसान के लिए नहीं-----एलियन के लिए बनाया गया है-क्योंकि इस संगीत को दूसरी दुनिया के लोग ही समझ सकते है-धुनों को समझने के लिए साइंस की जानकारी चाहिए और बोलों को समझने के लिए इतिहास और भूगोल की-------संगीत में तकनीक का जम कर प्रयोग किया गया है------वहीं गीत के बोलों में इतिहास का------ रोबोट का संगीत सुनने के लिए आप का पढ़ा-लिखा होना ज़रूरी है.
इस फिल्म के गानों में सब कुछ नया है.नये बोल-धुन थ्री-डी एनीमेशन गेम की तरह.''जींस'' और ''हिन्दुस्तानी'' जैसी फ़िल्में बना कर लोकप्रिय हो चुके एस.शंकर इस बार रोबोट लेकर आ रहे है.सात गानों से सजे 'रोबोट 'के संगीत को तैयार किया है ''अल्ला रख्खा रहमान'' ने.एल्बम के सभी गीतों को लिखा है ''स्वानंद किरकिरे''ने.जो ''बन्दे में था दम...'' जैसा गीत लिख कर नेशनल फिल्म अवार्ड ले चुके है.गाने के कुछ बोल ''काश न क्रिस्स्य'' ने भी लिखे है. एल्बम की शुरुआत ''नैना मिले....'' गाने से होती है.गाने में इलक्ट्रोनिक धुनों के आगे बोल दब जाते है.बोल बेहद हल्के है...असर डालने जैसी कोई भी बात नज़र नहीं आती है.बे-वज़ह की तुकबन्दी ही इस गाने में सुनाई देती है.''क़यामत जैसा लाया हूँ प्यार तेरे लिए...''गाने में एक दो लाइन थोड़ी नई सी लगती है. हाँ...ए.आर रहमान की आवाज़ का जादू इस गाने में जरुर झलकता है. सुज़न्ने ने भी इस गाने में रहमान का साथ दिया है.लेकिन असर छोड़ने में नाकाम हैं. "पागल अनुकन...."' इस एल्बम का दूसरा और एक मात्र सुनने लायक गाना है.मोहित चौहान और श्रेया घोषाल ने इस गाने को मिल कर गया है....इस गानेके बोल भी लाज़वाब है.... ''न्यूट्रोंन - इल्कटरोन नीले नैनो में बोलो कित्ते है...''लाइन खुबसुरत लगती है.साथ ही स्वानंद किरकिरे की नई तरह की कल्पनाशक्ति को दर्शाती है.गाने को मोहित चौहान ने खुल कर गया है.उनकी गायकी का हुनर इस गाने में साफ़ दिखता है,श्रेया ने भी खूब साथ दिया है.संगीत भी उम्दा है..गाने में रहमान ने एक जगह बेहतरीन की-बोर्ड बजाया है.सुर लय और ताल के हिसाब से इस एल्बम का एक मात्र मुक्कमल गाना है यही है.''चिट्टी डांस शोव्कासे.....'' तीसरा गाना है.समझ में कम आता है.डांस की प्रैक्टिस करनेवालों को ध्यान में रख इसकी धुन बनायीं गयी है शायद.चौथा गाना ''अरिमा-अरिमा...''है.गाने को हरिहरन और साधना सरगम ने आवाज़ दी है.गाने के बोल ''बीज मन्त्र ''से लगतेहै.दोनों बड़े गायकों की गायकी असर नहीं छोड़ पाती है.स्वानंद ने शायद इस गाने को स्पेशली एस शंकर के लिए लिखा है.गाने में दम नहीं है.सुनने वाली कोई वजह गाने में नज़र नहीं आती है.इस फिल्म का सबसे मजेदार गाना किलमंजरो है....स्वानंद ने क्या बोल लिखे है....जावेद अली और चिन्मयी ने अच्छे से गया है. सुनकर दिमाग का मनोरंजन होता है.ये इस एल्बम का पांचवां गाना है.गाने में इतिहास भूगोल की बातें है.गाने का पहला ही शब्द किलमंजरो...जो अफ्रीका का सबसे ऊँचा पर्वत है.दूसरा शब्द मोहनजोदड़ो....इतिहास की बात है....गाने को स्वानंद ने खूब फ़ुर्सत में लिखा है.बोल जैसे टेली प्रोमटर लिखे हों और गायक पढ़ते जा रहे हो.....गाने में गजब की तुकबन्दी है...जो स्वानंद के अच्छे सामान्य ज्ञान की एक झलक पेश करती है.गाना मजेदार है.बाकी इसमें कुछ भी खास नहीं है.रोबोट विज्ञानं पर आधारित फिल्म है.इसलिए इसका संगीत जरा अलग सा लगता है.बाकि रहमान का संगीत नया है.बूम बूम रोबो दा....इस एल्बम का छठा गाना है.जो फिल्म के मुख्य किरदार रोबोट की खासियत बताता है.पांच गायकों ने इस गाने मैं आवाज़ दी है.मधुश्री.रग्स.योगी बी.टौमी शाह और किरथी की आवाज़ कोई करिश्मा नहीं कर पाई है.गाने के बोल ऐसे लगते है.जैसे बच्चों के लिए कविता लिखी गयी है.विज्ञानं और वैज्ञानिकों के नाम इस गाने को आप सुन सकते है.संगीत गाने के मुताबिक लगता है.''ओ नए इंसान..''इस एल्बम का आखरी गाना है.श्रीनिवास.खतीजा रहमान ने इसे गया है.गाने में रहमान की आर्केस्ट्रा का असर है.गायकी में दम नहीं है.बोल की बात करें तो असर नहीं छोड़ते है. इस रोबोट को लोग कम ही पंसद कर सकते है बहरहाल सामान्य ज्ञान बढ़ने के लिए रोबोट के गीत सुनने में कोई बुराई नहीं है ..

(लेखक उत्तर प्रदेश के एक स्थानीय न्यूज़ चैनल में संपादक के पद पर कार्यरत हैं .)

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