Friday, September 24, 2010
एमसीयू में हंगामा ज़ारी
(शनिवार /25 सितम्बर 2010 / भोपाल /मीडिया मंच )
माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विवि (एमसीयू) के पत्रकारिता विभाग के छात्रों का आमरण अनशन शुक्रवार को भी जारी रहा। दूसरे दिन छात्र कक्षाओं से बाहर निकलकर परिसर में बैठ गए। कुलपति बीके कुठियाला व कुलसचिव डॉ. एसके त्रिवेदी ने छात्रों को मनाने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं माने। विद्यार्थियों का कहना है कि जब तक पूर्व विभागाध्यक्ष पीपी सिंह को पद पर बहाल नहीं किया जाता, वे अनशन पर ही रहेंगे।
गौरतलब है कि गुरुवार को विवि प्रबंधन ने विभागाध्यक्ष श्री सिंह को पद से हटा दिया था। इसे लेकर विद्यार्थियों ने हंगामा किया था। छात्र गुरुवार दोपहर से ही घर नहीं गए हैं (एहतियात के तौर पर छात्राओं को घर भेज दिया था)। गुरुवार रात उन्होंने कक्षा में गुजारी और सुबह 6 बजे से विवि परिसर में मांगों का बैनर लगाकर बैठ गए। उनकी दो मांगे हैं पहली श्री सिंह को पद पर बहाल करना और दूसरा छात्रों पर दायर पुलिस प्रकरण वापस लेना।
फैकल्टीज का दबाव :
विवि कीसमस्त फैकल्टीज ने कुलपति पर दबाव बनाया है कि वे किसी भी तरह से छात्रों को मना लें। इसके लिए फैकल्टीज का एक समूह शुक्रवार को कुलपति से मिला और गोपनीय बैठक की। इसी बैठक के बाद कुलपति श्री कुठियाला छात्रों से मिलने विवि पहुंचे। इसके पहले कुलपति ने छात्रों को अपने कक्ष में चर्चा के लिए बुलाया था, लेकिन छात्र नहीं गए।
28 से परीक्षा :
विश्वविद्यालय में विवादों के चलते पहले ही छात्रों की पढ़ाई नुकसान हो चुका है। अब 28 सितंबर से छात्रों की आंतरिक परीक्षा है और उन्होंने कक्षाओं का बहिष्कार कर रखा है।
मांग नाजायज
छात्रों की मांग नाजायज है। श्री सिंह को पद से हटाना प्रशासनिक प्रक्रिया है। इसमें हम कुछ नहीं कर सकते। श्री सिंह से हम लगातार बात कर रहे हैं कि वे ही छात्रों को मनाएं। यदि छात्र धरना समाप्त करते हैं, तो उनके खिलाफ पुलिस प्रकरण वापस ले लिया जाएगा।
- बीके कुठियाला, कुलपति
मांग जायज
छात्रों की मांग जायज है, लेकिन तोड़फोड़ और हंगामा करना गलत है। विश्वविद्यालय के शिक्षक छात्रों के साथ हैं।
- डॉ. श्रीकांत सिंह, विभागाध्यक्ष, दृश्य-श्रव्य अध्ययन केंद्र
हमारी एक ही मांग है कि श्री सिंह को विभागाध्यक्ष पद पर सम्मान के साथ बैठाया जाए। जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होगी, आंदोलन चलता रहेगा। छात्रों को हमारा पूरा समर्थन है।
संतोष कुमार, पूर्व छात्र, पत्रकारिता विभाग
श्री सिंह को फंसाने के लिए साजिश की गई है। जब तक कुलपति श्री सिंह से माफी नहीं मांगते, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
- मनीष कुमार, पूर्व छात्र, पत्रकारिता विभाग
विवि में जो भी घटनाक्रम हुआ, उससे बेहद आहत हूं। हमारे दौर में इस तरह की घटनाएं नहीं होती थी। विवि को अखाड़ा बनाकर रख दिया गया है।
- जितेंद्र गुप्ता, पूर्व छात्र, पत्रकारिता विभाग
क्या कहते हैं विवि के पूर्व कुलपति
पत्रकारिता विवि के मामले में मैं कुछ भी नहीं कह सकता हूं। वहां क्या हो रहा है, इस पर कुछ भी कहने का हक मुझे नहीं है।
- अच्युतानंद मिश्र, पूर्व कुलपति
मुझे पूरे मामले की जानकारी नहीं है। इस मामले में मुझे न ही घसीटें तो अच्छा है।
- शरद चंद्र बेहार,पूर्व कुलपति
(साभार -दैनिक भास्कर )
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