ये पेड न्यूज़ है ,खबरनवीसों!
(मंगलवार /२६ अक्टूबर २०१०/ अनंत झा /देवघर )
इसे पेड न्यूज़ कहें या फिर पत्रकारिता की चिरकुटई.चाहे जो भी मर्जी हो आप इस का कोई भी नामकरण कर दे मगर आन्दोलन के दावे करने वाले अख़बार प्रभात खबर की सच्चाई क्या है वो इसी खबर से स्पष्ट है.झारखण्ड के लोकसभा सांसद निशिकांत दुबे की जय-जय करने के चक्कर में अखबार ने अपनी भद पीटवा ली है.
निशिकांत भाजपा के सांसद है और झारखण्ड के गोड्डा लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व करते है.सत्ता के पिछले खिड़की से राजनीति में आये निशिकांत के बारे में लोग बताते है कि निशिकांत का सीधा और पुराना सम्बन्ध भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह से है.निशिकांत भागलपुर(बिहार) के रहने वाले है और उनका छात्र जीवन देवघर में ही बीता.राजनीति में सक्रिय होने से पहले निशिकांत किसी व्यापारिक संगठन के निदेशक रहे है,ऐसा उनके बारे में बताया जाता है.निशिकांत के बारे में इस बात कि भी खबर है कि झारखण्ड में अभी चल रही भाजपा और झामुमो एवं आजसू के गठ्बन्धन वाली सरकार बनाने में निशिकांत की सक्रिय भूमिका भी रही है.निशिकांत ने देवघर में अपने पांव ज़माने के लिए अपने राजनीतिक और व्यवसायिक आकाओं की खूब मदद ली है.देश में सड़ चुके सिस्टम का प्रत्यक्ष उदहारण है निशिकांत दुबे.जाहिर है इस भ्रष्ट व्यवस्था में जब कोई उद्योगपति सत्ता के सीढ़ी चढ़ता है तो कहीं न कहीं इसके पीछे उसकी व्यवसायिक स्वार्थ की सिद्धि साधना ही होता है.क्योंकि व्यवसायियों के लिए देश चलाना कंपनी चलाना जैसा ही होता है.
वापस मुद्दे की बात करें तो अखबार के पाठक आज खुद को ठगा हुआ पाता है जब प्रभात खबर जैसा अखबार किसी सांसद का महिमामंडन करता है.ऐसा नहीं है की किसी अखबार ने पेड़ न्यूज़ के लिए किसी सांसद या राजनेताओं का पहली बार महिमामंडन किया हो लेकिन प्रभात खबर के पाठकों के लिए निश्चय ही यह हैरान और परेशान दोनों करने वाला है.प्रभात खबर और प्रभात खबर के प्रधान संपादक हरिवंश दोनों के लिए यह अपनी साख बचाने का मौका है क्योंकि एक और अखबार सांसद के शान में कसीदे पढ़ रहा है,वहीँ दुसरे और अखबार के प्रधान संपादक हरिवंश (जो इस समय प्रधानमन्त्री के साथ विदेश दौरे पर है) अपने अखबार को पेड न्यूज़ से मुक्त रखने के बड़े-बड़े दावे कर रहे है.
(लेखक अनंत झा पिछले एक दशक से झारखंड की पत्रकारिता में सक्रिय हैं. प्रिंट और इलेक्ट्रोनिक दोनों मीडिया में काम करने का अनुभव है. इन दिनों यायावरी कर रहे हैं.)
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