Saturday, February 5, 2011
सौरभ की समीक्षा -ये साली जिंदगी
(सौरभ कुमार गुप्ता /नई दिल्ली )
बेहतरीन फिल्म। फिल्मी खांचे को तोड़ती, कई परतों पर चलते रिश्तों और उनसे उपजी कहानियों को सुलझे हुए तरीके से सामने लाती।
एकाध बड़े और कुछ अनजान कलाकारों को एक कहानी में कैसे पिरोया जाए इसकी मिसाल है फिल्म। कलाकार ऐसे सजीव, जो लगे कि हर जगह उपलब्ध रहते हैं समाज में। हर किरदार पर समय, मेहनत और निर्देशक की समझदारी दिखाई देती है।
जब फिल्म ये मौका दे कि आपको उसमें मौजूद अपनी पसंदीदा भूमिका चुनने के बारे में सोचना पड़े तो फिल्म में किरदारों का संतुलन उम्दा होना लाज़मी है। तय कर पाना मुश्किल हो जाता है कि तारीफ किसकी करें। जो बड़ा नाम है उसकी, जो अनजान होकर छाप छोड़ गया उसकी या फिर ये सब जिसकी उपज हैं उसकी।
फिल्म एक किडनैपिंग ड्रामा होते हुए भी एक लव स्टोरी है जिसमें किरदार अपने प्यार से अंत में वाकिफ होते हैं और इज़हार भी तभी हो पाता है। पूरी फिल्म में वो प्यार कहीं बहुत पीछे है लेकिन है ज़रूर। प्यार के साथ है असमंजस जो आज शायद हर जीवन में सामान्य है। हर किरदार का अपना अलग असमंजस है जो दर्शक से कहीं न कहीं सरोकार रखता है।
एक ऐसी माईल्ड थ्रिलर जो आम धारणाओं, कल्पनाओं और नतीज़ों से थोड़ी अलग भटकती दिखती ज़रूर है लेकिन अपनी मंज़िल को हासिल करती है। आप अंदाज़ा लगाते हैं कि अब ये संभव है कि तभी कुछ और घट जाता है।
किरदारों की भीड़ में कहानी अपने किरदार को बखूबी निभाती है। वो साबित करती है कि मैं हूं तो ये बाकी किरदार भी हैं। वजूद कहानी का ही साबित करता है कि आप भूलते नहीं कि फिल्म में कौन क्या है और ये कहानी कहां से आती है। कहानी वो सारी हकीकतें अपने आप में समेटे है जो उसे आज के समाज से मिली हैं।
फिल्म देख मन करता है कि काश कहानी का किरदार अपनी हर फिल्म में होता। उसके सिर, पैर हर फिल्म में देखने को मिलते। हर बार वो नई सी दिखती। हर बार कोई उसे नया नाम देता।
देखें इस फिल्म को उसके संगीत के लिए भी जो कोई आईटम नंबर तो मुहैया नहीं करवाता पर कुछ गाने लिए फिल्म की रफ्तार के साथ बहता चला जाता है। कोई गाना भले ही फिल्म में पूरा न हो पर उसे बाद में खोज पूरा सुनने का मन करता है। उन कलाकारों के नाम भी नंबरिंग में पढ़ने का मन करेगा जो कुलदीप, प्रीति, शांति, सतबीर के रूप में फिल्म में नज़र आए।
इरफ़ान, चित्रांगदा और अरुणोदय की तारीफ किये बिना ना रह पाएंगे।
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