Sunday, February 27, 2011
सौरभ की समीक्षा-- फिल्म 'Tanu wedsManu'
इस शादी में शिरकत ना करें
इस शादी में जाने की कोई ज़रूरत नहीं। दर्शक बिन बुलाए मेहमान की तरह महसूस करता है। कोई कैसे बना सकता है ऐसी फिल्म जिसमें हर दस मिनट बाद लगे कि क्या यार बेवकूफ बनाए जा रहे हैं।
फिल्म उन तमाम असंभावनाओं से लदी हुई नज़र आती है जो जीवन में इतनी सहजता से किसी के साथ नहीं हो सकती। माधवन को जितना मूर्ख दिखाया हुआ है उतना आमतौर पर शायद ही कोई आपको अपने आसपास याद आए।
छोटे शहर, घर, दुकान, मोहल्ले, लंबे चौड़े परिवार आदि फिल्म में केवल शामिल भर कर लेने से ही अगर काम चल सकता तो न जाने कितनी ऐसी कोशिशें पहले हुईं। इन सब चीज़ों का उपयुक्त इस्तेमाल ही इन्हें सम्मान दे सकता हैं वरना ये सब इस फिल्म की तरह फूहड़ नज़र आती हैं।
फिल्मकारों ने दो तीन फॉर्मूले समझ लिए हैं जैसे ज्वाइंट फैमिली, छोटे शहर, स्थानीय भाषा का प्रयोग और शादी का माहौल। पूरी फिल्म में ये फॉर्मूले हावी रहते हैं फिल्म कहीं गायब हो जाती है, लॉजिक हवा हो जाता है। कच्चे किरदार, मूर्खतापूर्ण घटनाएं, अच्छे गाने का कम इस्तेमाल, मज़ाक उड़वाने लायक भूमिकाएं और बेवजह की असहज भाषा से लदी यह फिल्म, दर्शकों पर बोझ नज़र आती है।
हल्की तुतलाहट से भरी फिल्म की हीरोईन में हर वो कमी है जो किसी को भी उसे नापसंद करने में सक्षम दिखती है पर फिल्म में हीरो को ऐसा मूर्ख और गाय स्वभाव वाला किरदार बना दिया है कि जैसे उसने लड़की कभी देखी ही नहीं। एक साथी दर्शक की ऑबसरवेशन से पता चला कि फिल्म में पहले सीन में आने वाले रवि किशन को दुनिया किसी भी फिल्म के लिए पनौती मानती है और इस बार भी उन्होंने साबित कर दिया। वैसे फिल्म में वो बेवजह चार सीन में हैं।
फिल्म की असलियत ये है कि सभी अच्छी लाईनों और सीन्स को प्रोमो में पहले ही पेश कर दिया गया है और आप केवल उसी से संतोष कर सकते हैं। बाकी फिल्म केवल सर घुमाने के लिए बनाई गई है। मशहूर गाना 'साडी गली' दस सेकंड के लिए पीछे से बजता है बस। सोचो लगभग आधी फिल्म में हीरो के दोस्त की कपूरथला में शादी होती रहती है जो खत्म होने का नाम ही नहीं लेती। बेमेल किरदारों ने साबित किया कि निर्देशक दर्शक को मूर्ख मानने की भूल कर बैठा है।
आपके पूरे दिन और प्रोग्राम का मज़ा खराब करने की क्षमता रखने वाली इस फिल्म को देखने के बारे में सोचना भी मेरे हिसाब से कानूनन अपराध माना जाए। हां, यदि आपकी किसी फिल्म से कहानी, अभिनय या लॉजिक की अपेक्षा न रहती हो और आप कुछ भी देखने में सक्षम हों तो इस शादी में शौक से जाएं।
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