Monday, February 9, 2009

वो राजनीति का अभिमन्यु है .


वो राजनीति का अभिमन्यु है ।उसे लोग युवराज कहते है ,लेकिन उसे युवराज कहलाना पसंद नही है ॥वो तो ,एक आम आदमी बन कर रहना चाहता है . लेकिन चापलूस उसे रहने नही देते ..उसे पता है , अभी वो प्रधानमंत्री बनने के लायक नही है . लेकिन चापलूस उसे प्रधानमंत्री बनाने पर तुले है . मै बात कर रहा कांग्रेस के महासचिव राहुल गाँधी की ... एक ऐसा नेता ,जो राजनीती में रह कर भी राजनीती का नही है...भले ही राजनीती उन्हें विरासत में मिली हो ..लेकिन राहुल ने राजनीती के गुर नही सीखे है ..या फिर यु कहे ..की उन्हें राजनीती में गन्दगी पसंद नही है . दिल्ली में हुए पार्टी बैठक में राहुल गाँधी ने साफ तौर से कहा की पार्टी के अन्दर चापलूस ज्यादा है ..और यही कारण है की अच्छे लोग पार्टी में काम नही कर पाते ..पार्टी के अन्दर पैसो के बढ़ते जोर पर भी राहुल गाँधी ने चिंता ब्यक्त की . राहुल के बयान से साफ़ है की वे ख़ुद अपनी पार्टी से खुश नही है . यदि हम कहे की ,राहुल गाँधी राजनीती के चक्रव्यु में फंस गए है ...तो ग़लत नही होगा .राहुल गाँधी देश के लिए कुछ करना चाहते है....लेकिन उनके ही पार्टी के लोग उन्हें काम करने नही दे रहे ...ऐसे में राहुल को अपनी टीम बनानी होगी ...एक ऐसी टीम जो देश के लिए कुछ करना चाहती है...सिर्फ़ तिजोरी भरना उनका काम नही होगा ...लेकिन फिलहाल राहुल राजनीति के चक्रव्यु में फंस कर रह गए है..उनकी हालत महाभारत की लडाई में अभिमन्यु की तरह है...क्या राहुल राजनीति के मैदान चक्रव्यु को तोड़ पाएंगे ...लेकिन यहाँ एक फर्क है...महाभारत में चक्रव्यु दुश्मनों ने रचा था ...लेकिन यहाँ अपने ही दुश्मन है .

लतिकेश
मुंबई

1 comment:

Vinay said...

बहुत ख़ूब, सुन्दर प्रस्तुति

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गुलाबी कोंपलेंचाँद, बादल और शाम