(गुरुवार /08 जुलाई 2010 /संजय कुमार/नागपुर )
नागपुर श्रमिक पत्रकार संघ के पदाधिकारी, सदस्यों व गैर पत्रकारों ने 5 जुलाई को भारतबंद का कवरेज कर रहे मीडियाकर्मियों पर लाठीचार्ज के मामले में दोषी पुलिसकर्मियों को निलंबित किए जाने की मांग को लेकर विभागीय आयुक्त कार्यालय के पास विरोध प्रदर्शन किया। विरोध प्रदर्शन का निर्णय मंगलवार को ही एक बैठक में लिया गया था। सुबह 12:30 बजे प्रदर्शन के दौरान भारी बारिश हो रही थी। लेकिन मूसलाधार बारिश में भी आक्रोशित मीडियाकर्मियों का गुस्सा शांत नहीं हुआ था। उन्होंने काले फीते लगाकर भीगते हुए विरोध प्रदर्शन किया। मीडियाकर्मियों के गुस्से को पहले ही भांपकर पुलिस ने यहां तगड़ा बंदोबस्त किया था। एक डीसीपी, चार एसीपी समेत अनेक पुलिसकर्मी यहां चौकस थे। पुलिसकर्मियों की भीड़ मीडियाकर्मियों से ज्यादा नजर आई।

प्रदर्शनकारी मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए नागपुर श्रमिक पत्रकार संघ के अध्यक्ष शिरीष बोरकर ने कहा कि पुलिस ने मीडियाकर्मियों पर जो हमला किया है, वह नहीं सहा जाएगा। जब तक दोषी पुलिसकर्मियों को निलंबित नहीं किया जाता, तब तक हमारा आंदोलन ऐसे ही जारी रहेगा। 'दैनिक 1857'के प्रधान संपादक एस.एन. विनोद ने कहा कि पुलिस ने मीडियाकर्मियों पर तब लाठीचार्ज किया जब वे अपनी सच्ची ड्यूटी निभा रहे थे। उनका यह बर्ताव गलत है। जब तक उन दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती है, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा। मीडियाकर्मियों पर हुआ हमला किसी भी सूरत में नहीं सहा जा सकता है।



संजय कुमार, नेशनल संदेश के सीनियर रिपोर्टर अभय यादव, राजेश बागड़े, सीएनईबी के कैमरामैन रविकांत कांबले, पुण्यनगरी के फोटो जर्नलिस्ट प्रशिक डोंगरे, संजय लचुरिया, देवेश व्यास, दैनिक भास्कर के छोटू वैतागे, विनोद झाडे, लोकशाही वार्ता के जीवक गजभिये, स्वदेश के सौरभ,लोकसत्ता के ज्योति तिरपुडे, स्वदेश के धीरज पाटिल, लोकमत के अविनाश महाजन, नवभारत के अभिषेक तिवारी, लोकमत समाचार के जगदीश जोशी, तरुण भारत के दिलीप दुपारे,
टाइम्स ऑफ इंडिया के फोटो जर्नलिस्ट रंजीत देशमुख और सुदर्शन समेत नागपुर के मीडिया संस्थानों के अनेक पत्रकार और फोटो जर्नलिस्ट उपस्थित थे।
नागपुर से संजय कुमार की रिपोर्ट
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