
मीडिया के लिए लक्ष्मण रेखा की ज़रूरत
(रविवार /22 अगस्त 2010 / मुंबई /नई दिल्ली /मीडिया मंच )
मीडिया के लिए अब लक्ष्मण रेखा खींचना ज़रूरी हो गया . यह कहना है आउटलुक के प्रधान संपादक विनोद मेहता का . विनोद मेहता ने एनडीटीवी इंडिया पर टेलीकास्ट होनेवालें ' द इंडिया ऑफ़ दिस वीक ' प्रोग्राम में विजय त्रिवेदी से बात करते हुए इस बात का जिक्र किया . इस प्रोग्राम में पिछले 13 अगस्त को गुजरात के राजकोट शहर के एक ज़िले में एक व्यक्ति द्वारा आत्मदाह किये जाने पर चर्चा चल रही थी . गौरतलब हो की कमलेश मिस्त्री नाम के इस शख्स को आत्मदाह करने के लिए उकसाने का आरोप वहां के दो टेलीविज़न पत्रकारों पर लगा है .
इस मुद्दे पर चर्चा करते हुए एनडीटीवी के विजय त्रिवेदी ने विनोद मेहता से पूछा की क्या इस घटना के लिए सिर्फ रिपोर्टर्स को दोषी ठहराना उचित है . क्या इसके लिए संपादक जिम्मेदार नहीं है . जो सनसनीखेज़ ख़बर लेन के लिए रिपोर्टर्स पर दवाब बनाते है . इस सवाल के जवाब में विनोद मेहता ने कहा की बेशक इसके लिए संपादकों को भी दोषी ठहराया जाना चहिये . लेकिन उनका कहना था की रिपोर्टर्स को भी अपनी बुद्धि का इस्तेमाल करना चाहिए . यह नहीं की संपादक ने कुआँ में कूदने को कहा तो कूद गए .
विजय त्रिवेदी ने बाद में कहा की यदि इस तरह की घटनाओं के पीछे पत्रकार को दोषी पाया गया तो सरकार द्वारा मीडिया पर लगाम लगाये जाने की योजना को और बल मिलेगा .
विनोद मेहता ने विजय त्रिवेदी की इस बात पर सहमति जताते हुआ कहा की मीडिया में सेल्फ सेंसरशिप को और भी मजबूत करने की ज़रूरत है .
आत्मदाह की घटना में फंसे पत्रकारों से सम्बन्धित ख़बर को पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें .
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