
एक दिन में ख़बर से बेख़बर
(शनिवार /09 अक्टूबर 2010 / नई दिल्ली /मीडिया मंच )
अयोध्या फैसले के दिन चैनल के हिस्से आई बंपर टीआरपी से फूलकर कुप्पा हुई आजतक की टीम ने यह प्रोमोशन शुरू किया कि –"ख़बर मतलब आजतक"। 30सितम्बर को अयोध्या पर आया फ़ैसला और उस दिन आजतक को सबसे ज़्यादा देखा गया। उससे कहीं पीछे स्टार न्यूज़ और इंडिया टीवी क्रमशः दूसरे और तीसरे नंबर पर आए। आजतक की टीआरपी ने इस दिन इतनी उछाल भरी कि पूरा हफ्ते का ग्राफ़ केवल एक दिन के भरोसे ऊपर उछल आया। जो कल तक सहमे-सहमे से थे। वे एकाएक ऐसे दावे करने लगे मानो खबर का मतलब आजतक और आजतक केवल खबरें ही दिखाता है। यह भी भरोसा दिलाया गया कि आगे भी ख़बरे ही दिखाएगा। कम से कम उनके धांसू प्रोमोशन से तो ऐसा ही लग रहा था।
अभी दो ही दिन हुए थे कि एकाएक एडिटोरियल टीम को अक़ल (?) आई और सोचा कि एक दिन के भरोसे तो गाड़ी को स्पीड मिल गई.. लेकिन अयोध्या बार-बार आने से रहा। कोर्ट के फ़ैसले के बाद दो-तीन दिन खींचतानकर अयोध्या पर ही चैनल ने बहस दिखाई थी। लेकिन लोगों की रुचि कहां अयोध्या पर टिकी रहनी थी। टीम के सामने चुनौती थी कि टीआरपी ऊंची बनी रहे। वरना फिर लेने के देने पड़ जाएंगे। कोई शॉर्टकट फ़ार्म्यूला खोजना ही होगा क्योंकि अपने सैकड़ों रिपोर्टर फुंके कारतूस हैं। इनके भरोसे टीआरपी ऊंची बनाए रखनी मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है।
लिहाज़ा तय हुआ कि सभी भूत-प्रेत-नाग-नागिन और चुड़ैले एक साथ बाहर निकाल ली जाएँ। जिन हथियारों के दम पर इंडिया टीवी ने टीआरपी के किले में सेंध लगाकर अगड़े चैनलों में घमासान मचाया था। वही हथियार अब आजतक ने हथिया लिए हैं।
कम से कम इन चित्रों से तो दर्शकों को यह तय करना है कि ख़बर का मतलब आजतक होता है या आजतक माने अंधविश्वास। गुरूवार (7 अक्टूबर) को चैनल ने प्राइम टाइम में लगातार डेढ़ घंटे तक सांप-संपेरों का खेल खेला। किसी गांव के एक ऐसे व्यक्ति को स्टोरी बनाया गया जिस पर यह पागलपन सवार था कि सांप उसे काटने आते हैं। चैनल ने स्टूडियो में पंडित-मनोवैज्ञानिक और डॉक्टर तक बुलाए गए। पीपली लाइव के मानिंद सांप-सपेरा लाइव बिठाए गए। उधर गांव में रिपोर्टर ने पहुंचकर पूरा मजमा सजाया और चौपाल भी बैठी।
कल तक जो खबर मतलब आजतक बताया जा रहा था। वहां सांप महाराज संपेरे की पुंगी पर नाच रहे थे। सांप एक विक्षिप्त देहाती को डस रहा था तो चैनल के एंकर स्टूडियो में बैठे विशेषज्ञों को डस रहे थे। वे सब मिलकर हम दर्शकों को डसते रहे। अयोध्या के बाद आजतक के लिए यह "राष्ट्रीय मुद्दा" बन चुका था।
एक वक़्त था जब इंडिया टीवी के माथे यह ठीकरा फोड़ा जाता था कि रजत शर्मा का यह चैनल केवल नाग-नागिन, एलियन्स और भूतप्रेत के दम पर टीआरपी बंटोरता है। अब यह बीमारी आजतक को ट्रांसफर हो चुकी है। उधर, इंडिया टीवी तो फटाफट खबरों में मस्त है। दो साल हुए इस चैनल में अब ना तो कोई भूत आता है और ना ही नाग। अलबत्ता अपमार्केट भूत और एलियन्स स्टार न्यूज़ पर इन दिनों जमकर दर्शन दे रहे हैं।
(लेखक के करियर को ध्यान में रखते हुए उनका नाम प्रकाशित नहीं किया जा रहा है. )
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