पुलिस पब्लिक प्रेस के नाम पर ठगी
(लखन साल्वी /नई दिल्ली )
पुलिस पब्लिक प्रेस का संपादक पवन कुमार भूत रूपये लेकर बाँट रहा है प्रेस कार्ड
(लखन सालवी)
दिल्ली से प्रकाशित पुलिस पब्लिक प्रेस नाम की माशिक पत्रिका के मालिक/संपादक पवन कुमार भूत ने भारत देश की जनता को ठगने का नया तरीका इजाद किया है. जनाब 10 हजार रूपये में अपनी पत्रिका के प्रेस कार्ड बेच रहे है. यूँ तो पवन कुमार भूत अपनी पत्रिका को भारत में बढ़ रहे अपराध के ग्राफ को कम करने व पब्लिक के बिच सामंजस्य स्थापित करने के लिए एक पहल बताता है. उसके अनुसार पत्रिका का रिपोर्टर बनने के लिए पत्रकारिता का अनुभव होना जरुरी नहीं है. जरुरी है 10 हजार रूपये, अभी तक जिन लोगो को प्रेस कार्ड दिए है उनमे से अधिकतर गाड़ी चलाने वाले दरैवर है, किरणे ओ कपडे के व्यापारी या फिर मल्तिलेवेल मार्केटिंग करने वाले है.
किरण बेदी नहीं है साथ
पवन कुमार भूत इस धोखाधडी के बिजनेस में किरण बेदी के नाम का उपयोग कर रहा है. किरण बेदी को अपनी कम्पनी का पार्टनर बताकर लोगों को विश्वास में लेता है. विभिन्न अखबारों, टी वी चैनलों में दिए गए विज्ञापनों, पम्प्लेट्स व स्वयं की पत्रिका में भी किरण बेदी के साथ खिचवाई गई फोटो को प्रकाशित करवाता है, ताकि लोग विश्वास करें कि किरण बेदी उसके साथ है. जबकि किरण बेदी ने इस पत्रकार को भेजे गए ईमेल में बताया है कि पुलिश पब्लिक प्रेस से उनका कोई वास्ता नहीं है. जानने में आया है कि पवन भूत ने पत्रिका के विमोचन के समय किरण बेदी के साथ फोटो खिंचवा ली थी.
पुलिस द्वारा सुनवाई नहीं करने पर मदद करने के लिए उसमे एक हेल्प लाइन भी संचालित की. यह हेल्प लाइन टॉल फ्री है. इस नेशनल टॉल फ्री नम्बर 1800 -11 -5100 का शुभारम्भ भी किरण बेदी के हांथों ही करवाया था. हालाँकि यह नम्बर दिखावा मात्र है. पवन भूत का कहना है कि पुलिस अगर किसी की फ़रियाद नहीं सुनती है तो वो टॉल फ्री नम्बर पर फोन कर फ़रियाद लिखवावें, पब्लिक पब्लिक प्रेस द्वारा मदद की जाएगी. लेकिन ना तो फ़रियाद सुनी जाती है और ना ही मदद की जाती है. यह लोगों को आकर्षित करने का तरीका साबित हुआ है.
18 से अधिक बैंको में खुलवा रखे है खाते
देशभर की जनता को मुर्ख बना कर अब तक करोडो रूपये ऐंठ चुके पवन कुमार भूत के कई बैंको में खाते है. उसी के द्वारा दिए जाने वाली सूची के अनुसार देश के 18 से अधिक बैंको में उसके खाते है. सारे नियमो व शिधंतों को टाक में रख कर और कानून के सिपाहियों की नाक के नीचे पवन भूत देश की जनता को लूट रहा है.
रिपोर्टर बन्ने वाला व्यक्ति पत्रिका के सदस्य बनता है. सदस्य से सदस्य राशी लेकर वो पवन बूट के किसी बैंक के खाते में जमा करवाता है. इतने बैंको में खाते खुलवाने के पीछे पवन भूत का मकसद है के देश के किसी भी कोने या छोटे से छोटे गाँव का व्यक्ति भी जो की रिपोर्टर बनता है, सदस्य शुल्क खाते में जमा करवा सकें.
ना तो करवाता है बीमा और ना ही भेजता है पत्रिका
लोगों को भी प्रेस कार्ड का ऐसा चस्का लगा है कि बिना सोचे समजे रूपये देकर प्रेस कार्ड बनवा रहे है. जानकारी के अनुसार पवन कुमार भूत ने 2006 में पब्लिक पब्लिक प्रेस नाम से मासिक पत्रिका प्रकाशित करवाई थी. उस समय 1000 रूपये लेकर पत्रिका के रिपोर्टर बनने लगा तथा रिपोर्टरों के माध्यम से 200 रूपये में पत्रिका के द्विवार्षिक सदस्य. उसकी दुकान चल पड़ी. भरी संख्या में रिपोर्टर बनने लगे और सदस्य भी. कहते है कि धन का चस्का लग जाए इंसान फिर पीछे नहीं देखता. पवन भूत के साथ भी ऐसा ही हुआ, दिन दुगुने और रात चौगुने सदस्य बनने लगे. मगज तीन सालों में व्यापार करोडो में पहुँच गया. कमाई का चस्का और बढ़ा, उसने रिपोर्टर फीस 1000 बढ़ा कर 2500 रूपये कर दी और सदस्यता राशी बढ़ा कर 200 से 400 कर दी इसके साथ ही नहीं स्कीम चालू की, 3000 रूपये में आजीवन सदस्यता. आजीवन सदस्यता लेने वाले को जीवन भर प्रति माह पत्रिका भेजने और २ लाख रूपये का दुर्घटना मृत्यु बीमा करवाने का वादा किया जाता. 400 रूपये में द्विवार्षिक सदस्यता दी जाती है जिसे 2 साल तक प्रति माह पत्रिका भेजने और एक लाख का दुर्घटना मृत्यु बीमा दिए जाने को कहा जाता है. आज तक एक भी रिपोर्टर द्वारा बनाये गए सभी सदस्यों को पत्रिका नहीं बेजी गई है और ना ही कोई बीमा पालिसी ही दी गई है. हाँ सदस्यता शुल्क जमा करवाने वाले को सदस्यता कार्ड जरुर दिया गया है. आज कल पवन भूत ने ठगने का एक और नया तरीका अपनाया है, 10 हजार लेकर एसोसिएट रिपोर्टर बना रहा है.
एक ही शहर में सैंकड़ो रिपोर्टर
बड़ी से बड़ी पत्रिका या अखबार के एक शहर में ज्यादा से ज्यादा 5 रिपोर्टर होते है.. ऐसा मैंने सुना है. मगर एक साल में कभी कभार ही प्रकाशित होने वाली पुलिस पब्लिक प्रेस पत्रिका के एक ही शहर में 5, 10, 50 नहीं सैंकड़ो की तादाद में रिपोर्टर है. गुजरात के सूरत, बड़ोदा, गांधीनगर, हिम्मतनगर, महारास्त्र के मुंबई व कोलकत्ता शहर में सैंकड़ो रिपोर्टर है.... वैसे रिपोर्टर से संबोधित ना कर उन्हें प्रेस कार्डधारी कहें तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी.
पीड़ितों ने की प्रधानमंत्री से शिकायत
राजस्था के bhilwada जिले के पीड़ित लोगों ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, गृहमंत्री पी चिदम्बरम और प्रेस कौंसिल ऑफ़ इंडिया की सेक्रेटरी विभा भार्गव को शिकायत पत्र भेजकर पुलिस पब्लिक प्रेस के मालिक पवन कुमार भूत के खिलाफ कार्यवाही करने और आयकर विभाग की डिरेक्टर से पवन भूत के बैंक खातो की जांच कर आयकर वसूलने की मांग की है. अभी तक उसके खिलाफ कोई कार्यवाही शुरू नहीं हुए है. ऐसा लगता है कि पवन कुमार भूत पुलिस और पब्लिक के बीच सामंजस्य भले ही स्थापित ना करवा पाया हो लेकिन उसने पुलिस पब्लिक प्रेस और पुलिस के साथ जरुर सामंजस्य स्थापित करवा दिया है.
लखन साल्वी
098280-81636, 094686-57636
(इस आर्टिकल को प्रकाशित करने से पहले हमें मेल कर पवन कुमार भूत के पक्ष को भी जानने की कोशिश की लेकिन उनका कोई जवाब नहीं मिलने का बाद हम इस आर्टिकल को प्रकाशित कर रहे हैं . यदि इस ख़बर के बारें में किसी को भी कोई आपति हो तो हमें newsmediamanch@gmail.com पर मेल करें . हम उनके पक्ष को भी मीडिया मंच पर जगह देंगें . मीडिया मंच टीम )
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment